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8 नवम्बर को लगेगा चंद्र ग्रहण, प्रातः 08:09 से ही मंदिर प्रवेश रहेगा वर्जित
डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतिष आचार्य, रतन विशेषज्ञ, वास्तु एक्सपर्ट
8 नवम्बर को भरनी नक्षत्र मेष राशि मे लगेगा जिसका प्रारंभ भारतीय समयानुसार संध्या 05:09 से 06:19 तक रहेगा वहीं हजारीबाग क्षेत्र में 05:02 से 06:09 तक रहेगा इस समयावधि में पूजा पाठ मन्त्र जप इत्यादि काफी लाभदायक होता है पूर्व की बनाई गई भोजन ग्रहण समाप्त होने के बाद नहीं खाना चाहिए
सूतक काल में ना करें प्रतिमा स्पर्श:—
चंद्र ग्रहण के 9 घंटा पूर्व सूतक लगता है और चंद्र ग्रहण प्रारम्भ 8 नवम्बर को संध्या 05:09 बजे से प्रारंभ होगा और इसके ठीक 9 घंटे पहले ग्रहण का सूतक लगेगा यानी 8 नवम्बर को प्रातः 08:09 से सूतक लगेगा इस काल मे मूर्ति स्पर्श के साथ मंदिर परिसर पूर्ण रूप से वर्जित रहेगा।
पहले तोड़ लें तुलसी दल:-
तुलसी पता रखने से नहीं पड़ेगा ग्रहणकाल का अशुभ प्रभाव चंद्रग्रहण के दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता रख देने से उस पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता। ग्रहण के सूतक शुरू होने से पहले लोगों को खाने-पीने की चीजों में खासकर अचार, मुरब्बा, दूध, दही और अन्य खाद्य पदार्थों में तुलसी का पत्ता रख देना चाहिए। ऐसा करने से खाने की चीजों पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ेगा चंद्रग्रहण के बाद घर में तुलसी के पत्ते से पूजा करने से व्रत, यज्ञ, जप और हवन करने के समान पुण्य प्राप्त होता है
सावधानी:-
चंद्रग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को सबसे अधिक ख्याल रखने की जरूरत होती है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के समय उन्हें घर से बाहर तो कदापि ही नहीं निकलना चाहिए क्योंकि इस समय निकलने वाली हानिकारक किरणें उनके सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
ऐसी चीजों का प्रयोग न करें:-
चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं किसी भी नुकीली चीजों का प्रयोग तो कदापि न करें. क्योंकि ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने पर उनके शिशु के अन्दर विकृति आ सकती है. इस समय वे किसी भी प्रकार की सिलाई-कढ़ाई का भी कोई कार्य न करें. चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सब्जी काटना, कपड़े की सिलाई करना और नुकीले या धारदार उपकरणों के काम से बचना चाहिए. इससे बच्चे को शारीरिक दोष हो सकता है.
चंद्र ग्रहण के समय करें ये उपाय:-
1.चंद्र ग्रहण के कुप्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिला को तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करें.
2.चंद्र ग्रहण के प्रारंभ समय के पहले गोबर का लेप पेट मे लगाना अनिवार्य।
3.चंद्र ग्रहण की समाप्ति के बाद गर्भवती महिला को स्नान जरूर करना चाहिए नहीं तो उसके शिशु को त्वचा संबधी रोग लग सकते हैं
4.इस दौरान गर्भवती महिलाओं को मानसिक जप करना चाहिए. इससे गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा असर पढ़ता है.
ग्रहण को देखने से होगा यह लाभ हानि प्रभाव सभी राशियों के लिए:-
मेष- मेष राशि के जातकों के लिए घात होने की संभावना है सो सतर्क रहें
वृष – इस राशि के जातकों के लिए हानि लेकर आ रहा है सो सावधान रहें
मिथुन- इस राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण हर प्रकार से लाभ लेकर आ रहा है
कर्क- इस राशि के जातक के लिए हर प्रकार से सुख देने वाला है।
सिंह- इस राशि के जातकों के लिए मान सम्मान की हानि होगी
कन्या- इस राशि के जातकों को यह ग्रहणकाल धनहानि कराने वाला है यानी मृत्यु तुल्य कष्ट
तुला –इस राशि के जातकों के लिए जीवन साथी को कष्ट होगा।
वृश्चिक –इस राशि के जातक के लिए भी सुख शांति लेकर आएगा
धनु – इस राशि के जातक के लिए यह ग्रहणकाल मानसिक चिंता लेकर आएगा।
मकर –इस राशि के जातक के लिए यह ग्रहणकाल व्यथा लेकर आएगा
कुम्भ – इस राशि के जातक के लिए यह ग्रहणकाल लक्ष्मी प्राप्ति कराएगा
मीन – इस राशि के जातक के लिए यह ग्रहणकाल क्षति देने वाला है।
नोट:- यह ग्रहण के प्रभाव 1 माह तक ही रहेगा सो एक माह सावधान रहें व दुष्प्रभाव से बचने के लिए सभी राशि के जातक ग्रहणकाल के दौरान गायत्री मंत्र का जप करें सुरक्षा अवश्य होगी।